लेखनी कहानी -10-Jan-2023 मेरा सुहाग
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"माँ मै और रागिनी बाहर जारहे हैं। आप और पापा खाना खालेना मैने आर्डर कर दिया है। हम खाना खाकर ही आयेंगे। आपको तो मालूम ही है कि आज हम दोनौ की शादी की पहली सालिग्रह है", अभिषेक अपनी माँ से बोला।
ठीक है बेटा मुझे तो मालूम है ले बहू तू अपना गिफ्ट तो लेले मुझे याद था इसलिए मै तेरे लिए साडी़ लाई थी।
"और मेरे लिए क्या लिया ?" बेटा बोला ।
"अब तू बड़ा हो गया है, तुझे क्या दूँ ...खुद कमा रहा है ये क्या कम है। " माँ ने हँसते हुए कहा । बेटा अपनी पत्नी के साथ घर से बाहर चला गया ।
शान्ति उन दोनो के जाने के बाद अपने पति का इंतजार करने लगी।
"अरे! शांती। " बाबू जी ने आवाज लगाई । पत्नी कुर्सी से उठीं और दरवाजा खोल दिया ।
"हद है यार , बूढ़ा और रिटायर क्या हो गया ....तुमने तो प्यार करना भी छोड़ दिया । सोच लिया कि बूढ़ा है ...कहाँ जाएगा ...आ ही जाएगा लौट के ।"
"अब रहने भी दो ये चोंचले ...पूरी जिंदगी गुजर गई , पर तुम कभी खुश न हुए मुझसे । सारी कमियाँ तो मुझ में ही हैं जैसे । आज बेटे की शादी की सालगिरह की रात है ।उनके लिए कुछ तो याद कराया होता । मुझे अपनी साड़ी देनी पड़ी बहू को । भुलक्कडपन की सजा नहीं जानते क्या ? आजकल लोग माँ-बाप को चौकीदार समझते हैं कुछ न कुछ देना जरूरी है ।नहीं तो नौकरी से निकाल देते हैं । "
"अरे! छोड़ो ये सब। मैं बूढ़ा और सठिया गया हूँ । तेरे कमरे में कलेंडर पर शादी का दिन किसने लिखा था । तुझे कौनसा याद था। मै भीबेटे के लिए कुछ लेने गया था। और अब तू कुछ भी समझ ।"
"हाय राम तुम कहाँ गये थे। कहीं गिरजाते तो कौन सम्भालता आपको? और इस बुढा़पे में मेरा क्या होता ? तुम्हारे बिना यह सब श्रंगार रखा रह जाता । मेरा तो सहारा आप ही हो। आप मेरा सुहाग हो। इस तरह शाम को अकेले कहीं मत जाया करो।" शान्ति गुस्सा करती हुई बोली।
"हा हा हा ! देखो तो कैसा प्यार आरहा है सारी उमर तो हसकर बात नहीं की और आज देखो पूरी लैला वाला प्यार दिखारही हो। मुझे अब कोई चिंता नहीं है । बहुत जी लिया मैं । अब जीना चाहता हूँ पूरी खुशी से । बताओ तो सही क्या बनाया है। देखो मै तुम्हारे लिए क्या लाया हू?:
"क्या लाओगे। तुम्हारी पेंशन घर की किस्त में निकल जाती है। मांगना तुम्हें आता नहीं ।बस देते ही रहे। भले मानुष कभी तो अपने लिए जीते । आज कुछ नहीं बनाया होटल से आरहा है बेटे ने आर्डर किया है" पत्नी भावुक हो उठीं थीं ।
"अरे पगली ! जीने के लिए पैसे की नहीं दिल की जरूरत होती है और चूमने के लिए दाँत की नहीं ...होंठों की जरूरत होती है .....हा हा हा । " उन्होने कुर्ते की जेब से एक गजरा निकाला और पत्नी के बालों में लगा दिया ।
"ये क्या है ? क्यों पैसे बर्बाद किए ? कुछ दवाई आजाती। " शान्ति बोली़।
"पैसा पैसा अब कब तक इस पैसे के लिए लड़ती रहोगी कभी तो प्यार की दो बातें कर लिया करो भाग्यवान।" इतना कहकर जय प्रकाश ने शान्ति को अपनी बाहौ में भर लिया और गाना गनगुनाने लगे
जादूगर सैयां छोड़ो मोरी बहियाँ हो गयी आधी रात
वह बोली ," कुछ तो शर्म करो बुढा़पे की बहू बेटा आगये तो क्या सोचेंगे ?"
"सोचेंगे तो सोचलेंगे वह भी देखलें हम आज भी एक दूसरे को कितना प्यार करते है?"
पत्नी बोली ," ठीक कहरहे हो ?"
इतना कहकर दोनौ के कदम थिरकने लगे। उसके बाद दोनों खूब हँसे और उन दोनौ को पुरानी यादें आगयी। दोनौ पुरानी याद करके सोच रहे थे कि वह भी क्या दिन थे। दोनौ को पुरानी बातें करते खाना खाते हुए रात के ग्यारह बज गए ।
"जाओ ...सो जाओ । सुबह से जागी हुई हो । मैं दरवाजा खोल दूँगा बेटा बहू के आने पर । "
"तुम से तो जवान हूँ अभी ...जाओ ...तुम सो जाओ । क्या मुझे बुढि़या समझ रखा है अभी तो --------?
"तो ठीक है मैं भी यहीं रहूँगा , बेटा तो दोनों का है ...दोनों इंतजार करेंगे ।"
और दोनों ही नहीं सोये । रात एक बजे बेटा-बहू लौट कर आये ।
"बहुत-बहुत मुबारक हो बेटा शादी की सालगिरह । " पिता बोले ।
"पापा ! माँ ने तो गिफ्ट दे दिया अपनी बहू को आप मेरे लिए कुछ नहीं लाये ?" बेटा बोला ।
"अबे! चटोरे , लाया हूँ न । बहुत मुश्किल से मिली है ये ।" और उन्होने कुर्ते की जेब से एक थैली निकालकर बेटे के हाथ में रख दी बेटा अपने पसन्द की लाल शर्ट देखकर खुश होगया और दोनौ के पैर छूते हुए बोला , "पापा ! ये मेरे लिए सबसे महंगा गिफ्ट है ...आपके लिए आपकी बहू ने भी कुछ लाई है ।"
" रागिनी ! जरा पापा का गिफ्ट तो लाना ।" बहू ने एक जूते का डिब्बा नीचे रख दिया और जूते निकालकर पैरों में पहनाने लगी ।
"लगता है तुम कहीं गए नहीं मजा करने ? पैसे तो बचे नहीं होंगे तुम्हारे पास ।फिर ये कहाँ से लाया तू ?" पिता जूते पहनते हुए बोले ।
बहू बेटे का इतना प्यार देखकर दोनौ को सुख का अनुभव हुआ और अब दोनौ को विश्वास होगया कि उनका बुढापा आराम से कट जायेगा। माँ भी बहू का इतना प्यार देखकर खुश थी।
प्रिशा
04-Feb-2023 08:01 PM
Very nice
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Mahendra Bhatt
13-Jan-2023 10:16 AM
शानदार
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अदिति झा
12-Jan-2023 03:51 PM
Nice 👍🏼
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